मुख्यमंत्री साय के निर्देश पर राज्य के ग्राम पंचायतों को टीबी मुक्त घोषित करने के लिए अभियान प्रारंभ किया गया है। इसी परिप्रेक्ष्य में जशपुर जिले के समस्त ग्राम पंचायतों को टीबी मुक्त पंचायतें घोषित होने के लिए 6 मुख्य मापदंड निर्धारित किए गए हैं। एक व्यापक सर्वे के दौरान 6 मानदंडों को पूरा करने वाली पंचायतें की टीबी मुक्त घोषित की जाएगी।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.जी.एस.जात्रा ने बताया कि पहले मापदण्डों के अनुसार टीबी मुक्त अभियान के तहत् प्रत्येक पंचायत में 1000 की आबादी में कम से कम 30 टीबी टेस्ट होने चाहिए। यदि उस पंचायत में टीबी की आशंका वाले लोगों की संख्या अधिक है तो टेस्टों की संख्या भी बढ़ाई जा सकती है। यानि किसी व्यक्ति में अगर टीबी जैसे लक्षण हैं तो उसका तुरंत टेस्ट होना चाहिए। दूसरे मानदंडों के अनुसार पंचायत की 1000 की जनसंख्या पर टीबी के मामलों की संख्या शून्य या अधिकतम एक होनी चाहिए तथा इसकी सूचना तुरंत निक्षय पोर्टल पर दर्ज होनी चाहिए। तीसरे मापदण्डों के अनुसार निक्षय पोषण योजना के तहत् सभी टीबी मरीजों को दवाइयों के साथ-साथ पोषण के लिए 500-500 रूपये की राशि दी गई हो या कम से कम पहली किश्त जारी हो चुकी हो। इसके अलावा पीएमटीबीएमबीए के तहत निक्षय मित्रों से पोषण सहायता लेने की सहमति देने वाले सभी उपचाराधीन टीबी रोगियों को निक्षय मित्रों से पोषण सहायता मिल रही हो। पंचायत में टीबी रोगियों का उपचार सफलतापूर्वक पूर्ण होने की दर 90 प्रतिशत से अधिक होने की शर्त को भी मानदंण्डों में शामिल कया गया है इसके अलावा टीबी रोगियों में टीबी की दवाईयां बेअसर होने संबंधी जांच करने की प्रतिशत कम से कम 70 प्रतिषत और पॉजिटिव मरीज का यू.डी.एस.टी. जांच 100 प्रतिशत निर्धारित की गई है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि इन सभी 6 मुख्य मापदण्डों पर आधारित सर्वे के दौरान जिला की सभी 444 पंचायतों में कम से कम 30-30 लोगों के टीबी टेस्ट किए जाएंगे। इन मापदण्डों को पूरा करने वाली ग्राम पंचायतें आगामी 30 नवंबर 2024 तक पूरा करने का लक्ष्य दिया गया है। लक्ष्य पूरा करने के उपरांत ही टीबी मुक्त पंचायत पुरस्कार के लिए आवेदन कर सकेंगी और 24 मार्च को विष्व टीबी दिवस के उपलक्ष्य पर टीबी मुक्त पंचायतों की घोषणा की जाएगी।
जिला क्षय उन्मूलन अधिकारी डॉ. उदय प्रकाश भगत ने बताया कि इन पंचायतों को पुरस्कार के रूप में प्रशस्ति पत्र एवं महात्मा गांधी की रजत प्रतिमा तथा तीसरे वर्ष भी प्रशस्ति पत्र एवं स्वर्णिम प्रतिमा दी जाएगी। वर्ष 2023 में जिले के 43 पंचायत टीबी मुक्त पंचायत की सभी मापदण्ड को पुरा किए और उन्हें टीबी मुक्त पंचाय घोषित किया जा चूका है। वर्ष 2024 हेतु लक्ष्य 200 से अधिक पंचायतों का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। उपरोक्त समस्त गतिविधि को परिवार, पंचायत, स्तर पर क्रियान्वयन हेतु मितानिन, सी.एच.ओ. पंचायती राज के प्रतिनिधि, जनप्रतिनिधियों की संयुक्त प्रयासों से किया जा रहा है।
जिले के 444 पंचायतों की टीबी मुक्त कर टीबी मुक्त जशपुर कि परिकल्पना को साकार करने जिला स्वास्थ्य विभाग के साथ पिरामल फाउण्डेशन का पूर्ण सहयोग व योगदान प्राप्त हो रहा है। जिला कार्यक्रम समन्वयक जिला क्षय उन्मूलन केन्द्र श्री रूस्तम अंसारी एवं पिरामल फाउण्डेषन श्री संतोष सोन की संयुक्त कार्ययोजना से लक्ष्य प्राप्ति की ओर अग्रसर है।