फर्जी आदेशों के मामले संज्ञान में आने पर कलेक्टर विलास भोसकर ने बीते दिनों समय सीमा की बैठक में राजस्व अधिकारियों को सतर्क रहकर न्यायालयीन कार्यवाही करने के निर्देश दिए थे। इसी कड़ी में गत दिवस कलेक्टर ने विभिन्न प्रकरणों में आवेदकों द्वारा राजस्व मंडल के आदेशों में कूटरचना किए जाने की जानकारी दी है। कलेक्टर द्वारा तहसीलदार अंबिकापुर और नायब तहसीलदार अंबिकापुर -2 को पत्र जारी कर इन सभी प्रकरणों में एफआईआर कराने के निर्देश दिए हैं।
कलेक्टर सरगुजा द्वारा जारी पत्र में बताया गया है कि राजस्व मंडल छग बिलासपुर को आवेदकों द्वारा प्रस्तुत कूटराचित आदेशों की प्रमाणिकता जांचने प्रेषित किया गया था जिसकी जांच मंडल द्वारा की गई है। जांच उपरांत जानकारी प्राप्त हुई कि आवेदक द्वारा प्रस्तुत आदेशों तथा इस न्यायालय द्वारा पारित आदेशों में भिन्नता स्पष्ट रूप से पाई गई है, जिससे स्पष्ट है कि आवेदक द्वारा राजस्व मंडल छग बिलासपुर के आदेशों में कूटरचना कर प्रस्तुत किया गया है, जो गंभीर आपराधिक कृत्य है।
इसमें तहसीलदार अंबिकापुर के समक्ष आवेदक अशोक अग्रवाल निवासी राजपुर, बलरामपुर, आवेदक घनश्याम अग्रवाल निवासी प्रेमनगर, सूरजपुर, आवेदक फारूख निवासी मणिपुर, अंबिकापुर और आवेदक जैनुल हसन फिरदोसी निवासी नवागढ़, अंबिकापुर शामिल है। इसी तरह नायब तहसीलदार अंबिकापुर – 2 के समक्ष आवेदक बसीरुद्दीन सिदिकी निवासी मानिक प्रकाशपुर का प्रकरण शामिल है। सभी प्रकरणों में राजस्व मंडल द्वारा संबंधितों के विरुद्ध कठोर कार्यवाही के निर्देश दिए गए हैं।
कलेक्टर सरगुजा ने पत्र जारी कर निर्देशित किया है कि उक्त सभी आवेदकों, जिन्होंने तहसीलदार और नायब तहसीलदार न्यायालय में राजस्व मंडल छग बिलासपुर के कूटरचित आदेशों को प्रस्तुत कर इसका क्रियान्वयन कराने बाबत आवेदन प्रस्तुत किया है, उनके विरुद्ध संबंधित थाने में एफआईआर दर्ज करवाएं और सूचित भी करें।