आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस को लेकर इन दिनों शंका का माहौल बना हुआ है. पूरी दुनिया में छंटनी का दौर जारी है. इसका ठीकरा एआई के सिर पर फोड़ा जा रहा है. हालांकि, अब कहा जा रहा है कि लोगों को एआई से बहुत ज्यादा चिंतित रहने की जरूरत नहीं है. यह टेक्नोलॉजी इंसानों के सहयोग के लिए लाई गई है. यह सच है कि इससे नौकरियां जाएंगी. मगर, उससे कहीं ज्यादा संख्या में नई नौकरियां पैदा भी होंगी.
एआई आसान नौकरियों को खत्म करके नए जॉब्स पैदा करेगी
डेलॉयट के एआई एग्जीक्यूटिव रोहित टंडन ने कहा कि एआई कुछ लोगों की जगह लेगी. मगर, भविष्य में एआई और इंसानों में सहयोग बढ़ेगा. यह इंसानों की जगह नहीं ले पाएगी. एआई लोगों की मदद करेगी. इसके दम पर हम नए तरह के रोजगार पैदा कर पाएंगे. उन्होंने कहा कि एआई नौकरियां नहीं छीनेगा बल्कि कुछ आसान नौकरियों को खत्म करके नए जॉब्स की जमीन तैयार करेगी. एआई को चलाने के लिए भी आपको लोगों को जरूरत है.
कंप्यूटर को भी नौकरियों के लिए माना गया था खतरा
रोहित टंडन ने कहा कि जब आईटी, टेक्नोलॉजी और कंप्यूटर का उभार आया तब भी नौकरियां खत्म होने की आशंका जताई गई थी. आप देख सकते हैं कि इनकी वजह से कितनी नौकरियां पैदा हुईं. एआई की कहानी भी कुछ ऐसी ही रहने वाली है. आज आप अपने मोबाइल फोन के जरिए क्या कुछ नहीं कर सकते. एआई भी आपको ऐसे ही कमाल के काम करने की ताकत देगी. हमने ऑटोमेशन और कॉल सेंटर आदि के साथ पहले भी ऐसा किया है. हमने कुछ आसान चीजों को ऑटोमेटिक बनाया ताकि इंसान बड़ी समस्याओं का हल निकालने के लिए समय निकाल सकें.
एआई से नौकरियों का स्वभाव बदल जाएगा
उन्होंने कहा कि एआई से नौकरियों का स्वभाव बदलेगा. फाइनेंस, एचआर, बैंकिंग और हॉस्पिटैलिटी जैसे सेक्टर में एआई का इस्तेमाल बढ़ रहा है. लोग अलग-अलग जगहों पर एआई को इस्तेमाल कर रहे हैं. एआई और जेन एआई के लिए गाइडलाइन्स आने चाहिए. फिलहाल हम सभी एआई के बारे में बहुत कुछ सीख रहे हैं. इसमें सरकार की बहुत अहम भूमिका होगी.