रायपुर: प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) अंतर्गत संचालित “मोर आवास, मोर अभिमान” अभियान सरगुजा जिले में ग्रामीण परिवारों के सपनों को साकार कर रहा है। इस अभियान ने न केवल आवास निर्माण में नई मिसाल कायम की है, बल्कि महिला सशक्तिकरण और आजीविका संवर्धन का मार्ग भी प्रशस्त किया है। अब तक जिले में 31,861 सामान्य आवास और 2,565 जनमन आवास (विशेष पिछड़ी जनजाति हितग्राहियों हेतु) स्वीकृत किए गए हैं। इनमें से 10,704 सामान्य आवास और 775 जनमन आवास पूर्ण हो चुके हैं, जबकि 19,476 सामान्य आवास और 1,660 जनमन आवास निर्माणाधीन हैं।
योजना के क्रियान्वयन में स्व-सहायता समूहों की महिलाएं महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। अब तक 4,332 समूह सदस्य महिलाओं ने अपने आवास निर्माण हेतु लगभग 5.35 करोड़ रुपये का ऋण लिया है। समूहों ने आवास निर्माण कार्य के साथ-साथ आय सृजन की दिशा में भी पहल की है। जिले के 397 ग्राम पंचायतों में सेंट्रिंग प्लेट कार्य, 18 ग्राम पंचायतों में जनमन आवास हेतु सेंट्रिंग प्लेट कार्य, 9 सदस्याओं द्वारा मिक्सर मशीन संचालन तथा 6 सदस्याओं द्वारा सीमेंट और गिट्टी की आपूर्ति की गई है। इन गतिविधियों से 470 महिलाएं ‘लखपति दीदी क्लब’ की सदस्य बनी हैं।
इस अभियान के तहत महिला समूहों ने आवास निर्माण को आत्मनिर्भरता और गौरव का प्रतीक बना दिया है। विकासखण्ड अम्बिकापुर की ग्राम पंचायत किशुननगर निवासी श्रीमती आशा रवि ने अपने समूह से ऋण प्राप्त कर टाइल्स युक्त आधुनिक घर का निर्माण किया, जिससे उनका सपना साकार हुआ। इसी प्रकार अनेक महिलाओं ने योजनाओं का लाभ उठाकर सुविधायुक्त आवास तैयार किए हैं।
यह अभियान जिला प्रशासन के सतत मार्गदर्शन और मॉनिटरिंग का परिणाम है। कलेक्टर श्री विलास भोसकर और जिला पंचायत सीईओ श्री विनय कुमार अग्रवाल के नेतृत्व में सूक्ष्म स्तर पर प्लानिंग कर आवास निर्माण से जुड़ी आवश्यकताओं की पूर्ति सुनिश्चित की गई है। “मोर आवास, मोर अभिमान” अभियान ने सरगुजा जिले में ग्रामीण आवास निर्माण को नई पहचान देने के साथ-साथ महिला सशक्तिकरण और आर्थिक विकास की सशक्त कहानी लिखी है।