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गो-एयर एयरलाइंस को लगा बड़ा झटका, HC और DGCA ने किया डी-रजिस्टर, जयपुर से संचालित होती थी 3 उड़ानें

दिल्ली हाईकोर्ट से गो-एयर एयरलाइंस को बड़ा झटका लगा है. लंबे समय से आर्थिक तंगी से जूझ रही एयरलाइंस के लगभग सभी विमान अलग अलग एयरपोर्ट पर पार्क थे और उड़ानें बंद हो चुकी थी. एयरलाइन को उम्मीद थी कि जल्द ही विमानों को बहाल किया जाएगा. लेकिन दिवालियेपन की ओर बढ़ती गो-एयर एयरलाइंस को दिल्ली हाईकोर्ट ने डी-रजिस्टर कर दिया है. उसके बाद अब DGCA ने गो-एयर एयरलाइंस के सभी विमानों को डी-रजिस्टर कर दिया है यानि अब गो-एयर की उड़ानें बंद हो गई हैं. गो-एयर के सभी 54 विमानों को डी-रजिस्टर कर दिया गया है.

एक तरफ देश में इंडिगो एयरलाइंस का दबदबा बढ़ रहा है और दूसरी तरफ दूसरी एयरलाइंस की उड़ानों की संख्या कम होती जा रही है. इसी कड़ी में अब गो-एयर एयरलाइंस भी आर्थिक तंगी का शिकार हो गई है. ऐसा पहली बार नहीं हुआ है कि जब कोई एयरलाइंस बाजार से बाहर हुई है. इससे पहले भी ऐसे कई उदाहरण देखने को मिले हैं. जैसे सहारा एयरलाइंस, किंगरफिशर एयरलाइंस ,एयर डेक्कन, MDLR, एयर पेगासस और पैरामाउंट भी आर्थिक कारणों से बाहर हो गई थी.

गो-एयर एयरलाइंस लंबे समय से आर्थिक संकट से जूझ रही थी
हालांकि गो-एयर एयरलाइंस लंबे समय से आर्थिक संकट से जूझ रही थी. फिर भी उम्मीद की जा रही थी कि विमानों की बहाली होगी. लेकिन अब वो उम्मीद भी नहीं बची. गो-एयर एयरलाइंस की जयपुर से 3 उड़ानें संचालित होती थी. इनमें जयपुर से गोवा, जयपुर से बेंगलुरू और जयपुर से मुंबई शामिल थी. ये तीनों लंबे समय से ही बंद चल रही थी. जयपुर से गो-एयर ने आखिरी उड़ान लगभग एक साल पहले भरी थी. उसके बाद अब इन शहरों के रूट शिड्यूल पर इंडिगो का दबदबा है.

एयरलाइन कानूनी सलाह ले रही है
फिलहाल गो-एयर एयरलाइंस कानूनी उपायों पर विचार कर रही है और डी-रजिस्टर के बाद क्या कुछ किया जा सकता है. इसके लिए कानूनी सलाह ले रही है. देश में पहले की तुलना में एयरपोर्ट की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है. एयरपोर्ट की तादाद बढ़ने से एयरलाइंस की कनेक्टिविटी भी पहले से ज्यादा है. ऐसे में बाजार में मौजूद एयरलाइंस के सामने सर्वाइव करने की बड़ी चुनौतियां है. DGCA के नियमों की सख्ती अलग से है.

जयपुर से गो-एयर पूरी तरह से बंद हो चुकी है
बहरहाल जयपुर से गो-एयर पूरी तरह से बंद हो चुकी है. उसकी जगह फिलहाल इंडिगो उड़ान भर रही है. दूसरी एयरलाइंस कंपनियां भी वर्तमान में अपने वर्चस्व के लिए जूझ रही है. क्योंकि देश में 85 प्रतिशत उड़ानें सिर्फ इंडिगो के पास है. ऐसे में अगला नंबर किस एयरलाइन का आता है ये देखना महत्वपूर्ण होगा.